खुश रहने का मूल मंत्र: हमेशा खुश रहने के लिए क्या करना चाहिए?



खुश रहने का मूल मंत्र: हमेशा खुश रहने के लिए क्या करना चाहिए?
खुश रहने का सबसे आसान तरीका क्या है? बहुत से लोग सोचते हैं कि खुश रहने के लिए कुछ विशेष परिस्थितियाँ होनी चाहिए, लेकिन यह सच नहीं है।अगर हम चाहे तो किसी भी हालात में खुश रह सकते है। इस लेख में हम देखेंगे की अपने जीवन में कुछ सरल बदलाव कर के हम कितनी आसानी से एक खुशनुमा जीवन बिता सकते है।
- अपने सुविधा क्षेत्र (कम्फर्ट जोन) से बहार निकले : एक राजा था जिसके पास दो पक्षी थे, उन में से एक पक्षी तो पहले दिन से ही उड़ना सीखता है पर दूसरा पक्षी अपनी डाल से हिलता ही नहीं। राजा परेशान हो जाता है। अपने मंत्री को बुलाकर कहता है, ” जाओ, इनाम घोषित करो, जो कोई इस पक्षी को उड़ना सिखाएगा उसे हम सोने की माला इनाम में देंगे। दूसरे दिन जब राजा आसमान में देखता है तो अचम्भित हो जाता है। मंत्री से पूछता है, ” ये किसने किया ?” मंत्री एक किसान को साथ ले आता है और कहता है, “महाराज इसने “। “ये तुमने कैसे किया ?”, राजा उससे पूछता है। प्रश्न के उत्तर में किसान बड़ी सरलता से कहता है, ” आसान था महाराज , जिस डाल पर पक्षी बैठा था मैंने उस डाल को ही काट दिया “। हम सब इस दुनिया में ऊँची उड़ान भरने के लिए आये है। पर हम किसी डाल को पकड़कर उसे अपना सुविधा क्षेत्र (कम्फर्ट जोन ) बना लेते है। अगर जीवन में चुनौती और कठिनाई नहीं, तो जीवन बहुत ही नीरस बन जाता है। इसलिए जरुरी है जीवन में आगे बढ़ते रहना। हम जब भी कोई मुश्किल काम हाथ में लेते है और उसे पूरा करते है तो हमारे शरीर में डोपामाइन हॉर्मोन का निर्माण होता हैं। डोपामाइन हॉर्मोन को ” खुश-हाल हॉर्मोन भी कहते हैं। ये हॉर्मोन हमारे अंदर उत्साह पैदा करता है और हमारी मनःस्थिति अच्छी रखता है। तो अगर आप जीवन में खुश रहना चाहते है तो हमेशा कुछ नया सीखते रहे और चुनौतियां स्वीकार करने से कभी न डरे।
- नियमित व्यायाम करें: व्यायाम के बारे में हम तभी सोचते है जब हमे वज़न कम करना होता है। पर क्या आप जानते है की नियमित व्यायाम करने से आप सदा खुश रह सकते है। कैसे ? जानते है। प्रसिद्ध लेखिका और मनोवैज्ञानिक, केली मॅक्गोनिगल ने अपनी किताब, “द जॉय ऑफ मूवमेंट” में “रनर्स हाई” का उल्लेख किया है। यह उत्साह या गहरी विश्राम की स्थिति है जो गहन कसरत के बाद होती है, खासकर दौड़ने जैसी गतिविधियों में। रनर्स हाई उन लोगों में पाया जाता है जो बहुत लम्बी दौड़ लगाते है उदहारण के तौर पर मैराथन रनर्स जो ४० कम की दौड़ लगाते हैं। जब आप मैराथन दौड़ते है या फिर एरोबिक एक्सरसाइज जैसे व्यायाम करते है तो आपका शरीर एंडोर्फिन नामक हॉर्मोन निर्माण करता है जिससे ख़ुशी का एहसास होता हैं। इसके अलावा शरीर में आनंदामाइड नाम के रसायन का निर्माण होता है जो मस्तिष्कः में अच्छी भावनाओ का संचार करता है। जरुरी नहीं की आप रोज़ मैराथन ही दौड़े। आप ३० मिनट तक सैर करके भी खुश रह सकते है। तो अगली बार अगर आप उदास महसूस करें तो तुरंत एक लम्बी सैर पर निकल जाईये या फिर घर पर जोर जोर से गाने बजाइये और नाचने लग जाईये। देखिये कैसे मिंटो में आपकी उदासी दूर हो जाएगी।
- हमेशा कृतज्ञ और सकारात्मक रहें: निदा फ़ाज़ली जी का एक शेर है , “दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है”। हम लोगो की ये फितरत है , जो नहीं मिलता उसी से हमे दुःख होता है। पर जो नहीं है उसके बारे में सोचने की बजाय, हमारे पास जो है , उसका हम धन्यवाद् करे तो हम हमेशा खुश रहेंगे। वैज्ञानिक अनुसंधान भी यही दर्शाता है की जो लोग कृतज्ञ होते है वे एक लम्बी और खुशहाल जिंदगी जीते है। एक बार एक शिष्य अपने गुरूजी से कहता है , ” गुरूजी , एक आदमी आया था। अपने आश्रम के लिए एक गाय देकर गया है।” गुरूजी कहते है , “अरे वाह, अब तो रोज़ ताज़ा दूध पीने को मिलेगा। कुछ दिनो बाद शिष्य फिरसे आता है और नाराज़ होकर गुरूजी से कहता है, ” गुरूजी, उस दिन जो आदमी आया था , वह अपनी गाय वापिस ले गया। ” गुरूजी कहते है , ” अरे वाह ,अब रोज़ गोबर नहीं उठाना होगा। वह इंसान जो हर स्थिति में खुद को ढाल देता है वह कभी दुखी नहीं होता। आप अपनी मनःस्थिति बदलिए और देखिये कैसे परिस्थिति अपनेआप बदल जाएगी।
- दुसरो की मदद करे : एक बार एक अमीर आदमी अपनी महंगी गाड़ी में एक गरीब बच्चे को घुमाने ले जाता है। बच्चा बड़ा खुश होकर गाड़ी को अंदर से निहारता है। बच्चा उससे पूछता है , ” ये गाड़ी तो बहुत मेहेंगी होगी ना और इसे खरदीने में आपको तो बहुत मेहनत करनी पड़ी होगी”। आदमी कहता है ,” ये सही है की गाड़ी लाखों की है पर इसे खरीदने के लिए मैंने पैसे नहीं कमाए। ये गाड़ी तो मुझे मेरे बड़े भाई ने उपहार में दी है “। बच्चा सोचने लगता है। आदमी उससे पूछता है , “क्या सोच रहे हो ? यहीं ना की काश तुम्हारा भी ऐसा कोई बड़ा भाई होता जो तुम्हे उपहार में मेहेंगी गाड़ी देता “। बच्चा शांत स्वर में जवाब देता है, ” नहीं , मैं तो बड़ा होकर आपके बड़े भाई जैसा बनना चाहता हूँ ताकि एक दिन मैं अपने छोटे भाई को ऐसी शानदार गाड़ी उपहार में दू “। हम सब के पास दो विकल्प होते है , तय हमे करना है , लेनेवाला बनना है या देनेवाला? जो ख़ुशी देने में है वो लेने में नहीं। जरुरी नहीं की आप पैसे ही दान करे। आप अपना समय, प्यार , सेवा , और ज्ञान भी लोगो के साथ बाँट सकते है। संशोधन यह भी दर्शाता है की दुसरो की सेवा करने से या घर पर पालतू जानवर की देखभाल करने से शरीर में कोर्टिसोल की बढ़ती मात्रा को काम किया जा सकता है। कोर्टिसोल को स्ट्रेस हॉर्मोन भी कहा जाता है जिसके बढ़ने से शरीर में हानिकारक बीमारियां हो सकती है। तो अगर आप जीवन में खुश रहना चाहते है तो दिल खोलकर दुसरो की मदद करे और सबकी ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाये।
- जादू की झप्पी: “मुन्नाभाई एम् बी बी ऐस“फिल्म में आप सब ने जादू की झप्पी देखी होगी, पर क्या आपको पता है इसके कितने फायदे है? वैज्ञानिक कहते है की अगर २० सेकण्ड्स तक आप किसी को प्यार से गले लगाते हो तो आपके शरीर में ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन (जिसे अंग्रेजी में कडल या लव हार्मोन भी कहते है ) का निर्माण होता है। ऑक्सीटोसिन से लोगो के बीच लगाव बढ़ता है, भय कम हो जाता है और विश्वास और सहानुभूति बढ़ जाती है। इस हॉर्मोन में दर्द कम करने और घाव को भरने की भी क्षमता है। डॉटर्स भी कहते है की स्पर्श से एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी बीमारिया भी ठीक हो सकती है। है ना कमाल की दवा ! तो अगर आप घर पर ख़ुशी का माहौल बनाये रखना चाहते तो घर के सदस्यों को रोज़ जादू की झप्पी जरूर दे।
तो यह थे कुछ सरल से उपाय जिन्हे अपने जीवन में अपनाकर हम खुद के साथ साथ दुसरो को भी खुश रख सकते है।
नाम: अश्विनी कुलकर्णी
पत्नी (ग्रुप कप्तान समीर कुलकर्णी)